23 करोड़ से ओवरब्रिज को मिली मंजूरी

इटारसी। राष्टीय राजमार्ग पर रसूलिया क्रासिंग पर वाहन चालकों को होने वाली परेशानियों से राहत मिलने की खबर है। सरकार ने यहां लगभग 23 करोड़ रुपए से अधिक की लागत के ओवरब्रिज को मंजूरी दे दी है। अभी यह अंग्रेजी के वाय आकार का है। यानी इटारसी, होशंगाबाद और हरदा तरफ के मार्ग को मंजूरी मिली है जबकि विधानसभा अध्यक्ष डा.सीतासरन शर्मा चाहते हैं कि यह चार पैर का बने जिसमें पहाडिय़ा तरफ की रोड भी शामिल हो। नक्शा तैयार है, इसको भी मंजूरी मिल जाएगी ऐसी उम्मीद की जा रही है।

रसूलिया रेलवे क्रासिंग नंबर 231, खंभा नंबर 759 पर ओवरब्रिज की स्वीकृति के बाद इसकी राह में आने वाली रुकावटें भी लगभग खत्म हो गयी हैं। दरअसल रेलवे का एनएचएआई से कॉन्ट्रैक्ट है, लेकिन एनएचएआई ने इस ब्रिज को बनाने में रुचि नहीं दिखाई। अंतत: विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा ने प्रयास करके इसे केन्द्र से यह मंजूरी दिला दी कि इसे मध्यप्रदेश सरकार ही बनाएगी।

रेलवे बनाएगी ऊपर का हिस्सा

ओवरब्रिज का रेल लाइन के ऊपर का हिस्सा रेलवे बनाने को तैयार है, शेष भाग मध्यप्रदेश सरकार बनाएगी। ओवरब्रिज में अब तक की स्वीकृति के अनुसार 23 करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है। वर्तमान में जो स्वीकृति मिली है, उसके अनुसार होशंगाबाद, इटारसी और हरदा तरफ का हिस्सा बनेगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा है कि वे चाहते हैं कि पहाडिय़ा तरफ का हिस्सा भी इसके साथ ही बन जाए। अब इसका प्रस्ताव दोबारा केन्द्र को भेजने की योजना है। इस बदलाव में लगभग 8 करोड़ रुपए का व्यय और आने की संभावना है। हालांकि यह भी प्रस्ताव है कि पहाडिय़ा से कनेक्ट करते हुए एक अंडरब्रिज की रोड भी बनाएंगे।

ये बोले विस अध्यक्ष....

तीन तरफ की रोड के लिए ओवरब्रिज बनाने को मंजूरी मिल गई है। हमले इसका नक्शा भी तैयार कर लिया है। हम डीआरएम से भी मिले हैं। हम चाहते हैं कि चौथे तरफ भी यह बने। हम केन्द्र को प्रस्ताव भेजने का विचार कर रहे हैं। डॉ.सीतासरन शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष

स्थानीय अधिकारी नहीं देते सहयोग

नगर पालिका प्रशासन शहर की व्यवस्थाओं और ट्रैफिक सुधार के लिए प्रयत्नशील है। शहर में नगर पालिका के पास भूमि की कमी है। लेकिन रेलवे के पास शहर से लगी रिक्त भूमि है, जो अस्थायी तौर पर यदि नपा को मिल जाए तो इस पर पार्किंग की सुविधा दी जा सकती है। नगर पालिका इसके लिए प्रयासरत है, लेकिन रेलवे के स्थानीय अधिकारी इसमें सहयोग नहीं दे रहे हैं जबकि उच्च स्तर के अधिकारियों का रवैया इसमें सहयोगात्मक है। दरअसल, बीते कुछ दिनों किए विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा और नगर पालिका के प्रयासों को देखें तो रेलवे के स्थानीय अधिकारियों का असहयोग साफ दिखता है। नगर पालिका ने आरएमएस आफिस के साइड में पार्किंग बनायी थी तो विभाग ने इसमें बाउंड्री कर दी। रेस्ट हाउस के पास एक और भूमि जीआरपी कालोनी के निकट रिक्त है, जिसका उपयोग दीवाली के लिए पार्किंग में उपयोग करना चाहा तो रेलवे के अधिकारियों ने यहां भी बाउंड्री करने के लिए गड्ढे करने प्रारंभ कर दिये। अब नगर पालिका 18 बंगले की रिक्त भूमि से कुछ हिस्सा चाह रही है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा ने इसके लिए डीआरएम सोभन चौधुरी से बात की है। उनकी ओर से सहयोगात्मक आश्वासन मिल गया है। अब नगर पालिका को एक प्रस्ताव बनाकर भेजना है। यह प्रस्ताव भी स्थानीय अधिकारियों के मार्फत ही जाएगा। यदि रेलवे के स्थानीय अधिकारी इसमें सहयोग करें तो शहर की व्यवस्थाओं में उनका भी योगदान रहेगा, क्योंकि रेलवे भी इसी शहर में है यहीं से रेलवे के अधिकारियों को सारी सुविधाएं मिलती हैं। दोनों सरकारी विभाग एकदूसरे को सहयोग करके शहर के विकास में योगदान दे सकते हैं।

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